दिल को अब अपने वो बहलाएंगे क्या,
किसी को अपनी कहानी सुनाएंगे क्या,
तेरे बिना भी जी रहे हैं हम हंसते-हंसते,
इसके अलावा और करिश्मा दिखलाएंगे क्या,
वो टूटे रिश्तों पर लाख डाल दें लफ्जों के कफन,
लेकिन दोस्तों से भी अपने हकीकत छुपाएंगे क्या,
जो खुद डूबने का इरादा करके उतरें हो दरिया में,
उनको कश्तियां और किनारे भी अब बचाएंगे क्या,
वो कामयाब हो ही जाएं भले मुझे भूल जाने में,
मगर आइने में खुद से आंखें मिला पाएंगे क्या,
लोगों को तो कुछ भी बता देंगे बहाना दूरियों का,
तन्हाई में मगर दिल को अपने समझाएंगे क्या....
बकलम खुद...
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