तेरे साथ पटरियों पर दूर तक चलना,
गिरते हुए हाथ थामकर संभलना,
दूरियों पर रोना, मिलने पर मचलना,
मेरे रास्तों पर तेरा पलकें बिछाना,
वो लंबा सा इंतजार, वो छोटी मुलाकातें,
मुझे याद हैं अब तक वो सारी बातें...
मुझे याद हैं....
महफिल में अजनबी सा जताना,
मुझे देखकर निगाहें झुकाना,
सवालों पर तेरी वो लंबी सी चुप्पी,
गुस्से पर मेरे वो तेरा मुस्कुराना,
अक्सर जो गुजरी तन्हाई की रातें,
मुझे याद हैं अब तक वो सारी बातें,
मुझे याद हैं....
कभी रुठ कर दिनों तक ना मिलना,
फिर मिलते ही मुझसे रोकर लिपटना,
हाथों में हाथ और होठों पर चुप सी,
खामोश आलम में तुझको वो तकना,
भुलाए नहीं भूलती वो दिलकश सी बातें,
मुझे याद हैं अब तक वो सारी बातें,
मुझे याद हैं.....
बकलम खुद....